18वीं लोकसभा में कुल 24 मुस्लिम सांसद चुने गए हैं. यह लोकसभा की कुल संख्या का 5 प्रतिशत से भी कम है जो कि भारत में कुल मुस्लिम आबादी की तुलना में काफी कम है.
लोकसभा चुनाव 2024 में कुल 24 मुस्लिम सांसद चुने गए हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव की तुलना में इस साल दो कम हैं. दिलचस्प बात यह है कि इसमें से एक भी सांसद बीजेपी नेतृत्व वाले गठबंधन एनडीए से ताल्लुक नहीं रखते हैं. 24 लोकसभा सांसदों में 21 विपक्षी समूह इंडिया गठबंधन के दलों से हैं. नौ मुस्लिम सांसदों के साथ कांग्रेस सबसे आगे है. उसके बाद पांच मुस्लिम सांसद तृणमूल कांग्रेस के हैं. चार मुस्लिम सांसद समाजवादी पार्टी से दो इंडियन मुस्लिम लीग से और एक नेशनल कॉन्फ्रेंस से संबंध रखते हैं. इसके अलावा एक मुस्लिम सांसद AIMIN पार्टी से स्वयं असदुद्दीन ओवैसी हैं. दो मुस्लिम सांसद निर्दलीय चुने गए हैं. निर्दलीय सांसद में बारामूला से इंजीनियर राशिद और लद्दाख से मोहम्मद हनीफा हैं.
इस तरह इस बार लोकसभा में मुसलमानों की हिस्सेदारी घटकर केवल 4.42 प्रतिशत हो गई है. यह अब तक की दूसरी सबसे कम हिस्सेदारी है. पिछले तीन लोकसभा चुनावों में मुस्लिम सांसदों का अनुपात 5 प्रतिशत से भी नीचे चला गया है. 1980 के लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा रिकॉर्ड 49 मुस्लिम सांसद (सदन का 9.04%) जीते थे. इसके बाद 1984 के लोकसभा चुनाव में 45 मुस्लिम सांसद (सदन का 8.3%) चुने गए थे. इसके बाद से कभी भी मुस्लिम सांसदों की संख्या 40 से अधिक नहीं हुई है. 2011 की जनसंख्या के मुताबिक, भारत में कुल मुस्लिम आबादी 14 प्रतिशत है