देश में दो दिन जन्माष्टमी की धूम रही। दूसरे दिन यानी 7 सितंबर को मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि में जन्माष्टमी उत्सव मनाया गया। रात के 12 बजते ही भागवत भवन में बाल गोपाल का पंचामृत अभिषेक हुआ। भगवान कृष्ण के चल विग्रह को चांदी से बने कमल पुष्प के सिंहासन पर विराजमान कर उनका अभिषेक किया गया। साथ ही 500 किलो गुलाब के फूल और इत्र की वर्षा की गई।
इसके अलावा चांदी की कामधेनु गाय के जरिए भगवान कृष्ण को स्नान कराया गया। जिसके लिए 251 किलो पंचामृत का इस्तेमाल हुआ।
अभिषेक के बाद नवरत्न कंठा, स्वर्ण निर्मित बांसुरी, कंगन धारण कराए गए, उन्हें जरी से बना गोटा मुकुट ब्रज रत्न धारण करवाए गए।
सांवलिया सेठ में हुआ ड्रोन शो
उधर, राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के सांवलिया सेठ मंदिर में एक हजार ड्रोन के जरिए आसमान में कृष्ण लीलाओं को दिखाया गया। सबसे पहले आसमान में सांवलिया सेठ के मंदिर के साथ ‘श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामना’ लिखा।
गुजरात और महाराष्ट्र में कई जगहों पर दही-हांडी फोड़ने के कॉम्पिटिशन हुए। मुंबई के ठाणे में दही-हांडी उत्सव मनाया गया। गुजरात के द्वारकाधीश मंदिर से श्रद्धालुओं ने श्रीकृष्ण की झांकी निकाली।
इस साल दो दिन जन्माष्टमी
देश में इस साल दो दिन- 6 और 7 सितंबर को जन्माष्टमी मनाई गई। उज्जैन और वाराणसी में 6 सितंबर को जन्माष्टमी मनाई गई। वहीं, मथुरा-वृंदावन और द्वारका समेत कई जगहों पर 7 सितंबर को जन्माष्टमी मनाई गई।