अमेरिका ने दुनिया के बड़े देशों चीन और रूस की चेतावनी को नजरअंदाज करते हुए ईरान-इजरायल युद्ध में सीधे कूद गया है. अमेरिकी वायुसेना के बी2 बमवर्षक विमानों ने रविवार तड़के 4.30 बजे ईरान के परमाणु संयंत्रों पर हमला बोला. इसमें जमीन के 80-90 मीटर नीचे बने फोरडो परमाणु संयंत्र पर 14 हजार टन वाले विशालकाय बमों को दागा गया. जबकि नातांज और इस्फहान परमाणु संयंत्रों पर टॉम हॉक मिसाइलों से ताबड़तोड़ हमला किया गया.
विश्लेषकों का कहना है कि ईरान पर अमेरिकी आक्रमण सीधे तौर पर रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को चुनौती है. दोनों ही नेताओं ने आगाह किया था कि ऐसा कोई भी कदम उन्हें युद्ध में उतरने के लिए मजबूर करेगा. चीन के कुछ मालवाहक विमान पिछले दिनों में तेहरान में उतरने की खबरें भी हैं. ईरान के विदेश मंत्री सोमवार को रूस का दौरा करेंगे और राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन से बात करेंगे. ईरान ने कहा कि रूस ईरान रणनीतिक साझेदार हैं और उसके बाद आगे कोई फैसला लिया जाएगा.