लद्दाख सेक्टर के चुशुल- मोल्दो में रविवार को भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की 18वें दौर की बातचीत हुई। दोनों देशों के बीच तीन साल पुराने सैन्य गतिरोध का हल निकालने के लिए यह बैठक हो रही है। रक्षा सूत्रों ने बताया कि भारत की ओर से बैठक का नेतृत्व फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राशिम बाली कर रहे हैं। चीनी पक्ष से भी समकक्ष रैंक का अधिकारी बैठक में शामिल है। यह बैठक पांच महीने बाद हो रही है। दोनों पक्षों के बीच कोर कमांडर स्तर की आखिरी बैठक पिछले साल दिसंबर में हुई थी।
बॉर्डर इलाके में तेजी से निर्माण
यह बैठक तब हो रही है जब दोनों पक्ष अपनी-अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए बॉर्डर इलाके में तेजी से निर्माण गतिविधियों में लगे हुए हैं। भारतीय पक्ष देपसांग के मैदानों, डेमचोक और दोनों पक्षों के पीछे हटने का मुद्दा बार-बार उठाता रहा है।
चीनी पक्ष ने 2020 में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर यथास्थिति को बदलने के लिए भारी हथियारों और बड़ी संख्या में आक्रामक तरीके से आगे बढ़ने की कोशिश की थी। भारत ने भी सैनिकों की तैनाती कर इसका जवाब दिया। दोनों पक्ष हालांकि बाद में पीछे हट गए और नई जगहों पर चले गए। इसके बाद पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच मामलों को सुलझाने के लिए कोर कमांडर-स्तरीय बातचीत शुरू हुई।
भारतीय गश्ती दल को रोक रहे चीनी
बातचीत में, दोनों पक्ष निकट संपर्क में रहने और सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से बातचीत बनाए रखने और जल्द से जल्द शेष मुद्दों के दोनों को मंजूर हों ऐसा हल निकालने के लिए बात करने पर सहमत हुए हैं। हालांकि, चीनी पक्ष मुद्दों को हल करने की जल्दी में नहीं दिख रहा है और देपसांग मैदानों जैसे विरासत के मुद्दों पर कोई आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दे रहा है। वे लंबे समय से भारतीय गश्ती दल को उस इलाके में अपने गश्ती बिंदुओं पर जाने से रोक रहे हैं।
चीन के रक्षा मंत्री भारत आएंगे
चीन के रक्षा मंत्री अगले सप्ताह शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठकों के लिए भारत में आने वाले हैं। निकट भविष्य में दोनों पक्षों के बीच तनाव कम करने की संभावना बहुत कम लग रही है। भारतीय पक्ष यथास्थिति को बदलने के किसी भी चीनी प्रयास के खिलाफ क्षेत्र में भारी तैनाती जारी रखे हुए है।
यांग्त्से में चीनी सैनिकों को पीछे धकेला
बता दें भारतीय सैनिकों ने पिछले साल दिसंबर में यांग्त्से में ऐसे ही एक कोशिश को फेल कर दिया था। एक चीनी टुकड़ी को वहां LAC पर भारतीय चौकियों पर आने की कोशिश करने के बाद बलपूर्वक उसके क्षेत्र में वापस धकेल दिया गया था।