अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पुतिन के बीच हुई मीटिंग के बाद अलग-अलग प्रतिक्रिया देखी जा रही है. यूक्रेनी राष्ट्रपति सोमवार को ट्रंप से मिलने के लिए तैयार हैं. लेकिन इस बीच नॉर्डिक-बाल्टिक देशों ने चेतावनी देते हुए रूस के खिलाफ सख्त बयान दिया है. डेनमार्क, एस्तोनिया, फिनलैंड, आइसलैंड, लातविया, लिथुआनिया, नॉर्वे और स्वीडन वाले इस ब्लॉक ने कहा कि यूक्रेन में स्थायी शांति तभी संभव है जब इसका फैसला खुद यूक्रेन ले और उस पर किसी बाहरी ताकत का दबाव न हो. उन्होंने कहा कि पुतिन पर भरोसा नहीं किया जा सकता है.
ट्रंप-पुतिन की बातचीत से जुड़ा एकबड़ा खुलासा हुआ है. ब्रिटिश अखबार फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट में बताया गया कि पुतिन ने ट्रंप से मुलाकात में यह शर्त रखी कि अगर यूक्रेन पूर्वी दोनेत्स्क क्षेत्र से अपनी सेना हटा लेता है तो युद्ध खत्म हो सकता है.नॉर्डिक-बाल्टिक देशों ने साफ कहा कि पुतिन पर भरोसा नहीं किया जा सकता. उन्होंने युद्ध का असली कारण रूस की आक्रामकता तथा साम्राज्यवादी महत्वाकांक्षाओं को बताया. बयान में कहा गया, ‘आखिरकार यह रूस की जिम्मेदारी है कि वह अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बंद करे और युद्ध खत्म करे.’ यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने नॉर्डिक-बाल्टिक देशों को धन्यवाद दिया.