फिर से विधायक बनने उतरे 47 में से 21 की जीत; आप के 36 में से 14 और भाजपा के सभी छह जीते

दिल्ली में फिर से विधायक बनने के लिए मैदान में 47 प्रत्याशी उतरे। इसमें 21 विधायक जनता का भरोसा जीत पाए। आप के 36 में से 14 विधायकों को जीत मिली, जबकि भाजपा के सभी छह जीत गए। पांच विधायक पार्टी बदलकर लड़े थे, इनमें से दो कामयाब हो पाए

दिल्ली विधानसभा चुनाव में 47 विधायकों में से 21 ही अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब हो सके हैं। 26 को हार का सामना करना पड़ा। इनमें सबसे अच्छा रिकॉर्ड भाजपा का रहा। उनके छह मौजूदा विधायक जीते। 

आम आदमी पार्टी (आप) के 36 विधायकों में से 14 को जीत हासिल हुई, जबकि 22 विधायक हार गए। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, मंत्री सौरभ भारद्वाज समेत कई दिग्गज शामिल हैं। 

वहीं, पांच विधायकों ने पार्टी बदल कर चुनाव लड़ा लेकिन सिर्फ दो ही जीत नसीब हो सकी। आप के दो दिग्गज नेताओं ने अपनी पुरानी सीट भी बदली, इसके बावजूद उन्हें सफलता नहीं मिली।

दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर 2015 में आप को 67 सीटों पर जीत मिली थी। भाजपा तीन सीटों पर विपक्ष की भूमिका में रही। 2020 के चुनाव में आप 62 सीटें जीतीं। भाजपा को आठ सीट पर कामयाबी मिली। 

इस बार के चुनाव में आप ने अपने 36 पुराने विधायकों को उतारा था। इनमें से 14 जो जीते। जीत हासिल करने वालों में आतिशी, गोपाल राय और मुकेश कुमार अहलावत शामिल हैं। 

चुनाव की घोषणा से पहले पार्टी छोड़ने वाले पांच विधायकों में तीन कैलाश गहलोत, राजकुमार आनंद और करतार सिंह तंवर भाजपा से चुनाव लड़े, लेकिन कैलाश गहलोत और करतार सिंह तंवर ही जीत सके। वहीं, दो अन्य अब्दुल रहमान और धर्मपाल लाकड़ा कांग्रेस चुनाव लड़े, लेकिन हार गए।

भाजपा का रिकॉर्ड बेहतर
भाजपा की ओर से आठ विधायकों में से छह मौजूदा विधायक चुनाव लड़े थे। बदरपुर से विधायक रहे रामवीर सिंह बिधूड़ी लोकसभा चुनाव लड़े और वह जीत गए। ऐसे में उनकी सीट खाली रही। गांधी नगर से विधायक अनिल बाजपेयी को इस बार टिकट नहीं दिया गया था। भाजपा के छह मौजूदा विधायक जीते। वहीं गांधी नगर से भाजपा की ओर चुनाव लड़े अरविंदर सिंह लवली जीते जबकि बदरपुर सीट से भाजपा को जीत हासिल नहीं हुई।

10 से भी कम वोट मिले
नई दिल्ली विधानसभा से चुनाव लड़े 23 उम्मीदवारों में से छह को 10 से भी कम वोट मिले हैं। इसमें दो उम्मीदवार निर्दलीय व चार छोटे राजनीतिक दलों से हैं। सबसे कम वोट भारत राष्ट्र डेमोक्रेटिक पार्टी के ईश्वर चंद को मिले, इन्हें सिर्फ चार वोट मिले। भीम सेना के संघा नंद बौद्ध, राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी के मुकेश जैन और राष्ट्रीय मानव पार्टी के नित्या नंद सिंह को आठ-आठ वोट मिले। निर्दलीय उम्मीदवार हैदर अली और पंकज शर्मा को नौ-नौ वोट मिले। पंकज दिल्ली पुलिस के सिपाही हैं। नौकरी में रहते हुए चुनाव लड़ने पर पुलिस ने पंकज पर कार्रवाई की हैै।

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July 30, 2025
12:23 am

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