जब से जंग शुरू हुई है, इजरायल (Israel) और हमास (Hamas) के मुद्दे पर भारत ने किसी एक के पक्ष में खुले तौर पर खड़े होने से परहेज किया है. वैसे तो भारत ने हमेशा शांति की बात की है, पर आतंक के हर कदम की निंदा भी की है. इस बीच, संयुक्त राष्ट्र से खबर आई है कि भारत ने इजरायली बस्तियों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र (UN) में वोट किया. हालांकि, इससे पहले जब यूएन में इजरायल-फिलिस्तीन के मुद्दे पर वोटिंग हुई थी तब भारत ने उससे दूरी बना ली थी. किसी के पक्ष में वोटिंग नहीं की थी. अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या भारत ने अपना स्टैंड बदला है.
भारत ने किस प्रस्ताव का किया समर्थन?
बता दें कि यूएन में पूर्वी यरुशलम और सीरिया के गोलन हाईट्स के इलाके में इजरायली की बस्तियों और इजरायली गतिविधियों की निंदा करने का प्रस्ताव लाया गया था. इसके पक्ष में भारत समेत 145 देशों ने वोटिंग की. वहीं, 7 देशों कनाडा, हंगरी, इजरायल, मार्शल आईलैंड, माइक्रोनेशिया के संघीय राज्य, नाउरू और अमेरिका ने इस प्रस्ताव के खिलाफ वोटिंग की. हालांकि, 18 देशों ने इस वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया.
टीएमसी सांसद ने की तारीफ
इसको लेकर तृणमूल कांग्रेस सांसद साकेत गोखले ने खुशी जताई है. गोखले ने ट्वीट किया कि बहुत खुशी हुई कि भारत ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया. इजरायल का फिलिस्तीन में बस्तियों के जरिए कब्जा अवैध है. इजराइल का रंगभेद अब खत्म होना चाहिए.
किसी एक पक्ष में नहीं खड़ा भारत
गौरतलब है कि पिछले महीने, भारत ने यूएन में जॉर्डन की तरफ से लाए गए प्रस्ताव पर वोटिंग नहीं की थी. किसी एक पक्ष में खड़े होने से परहेज किया था. इस प्रस्ताव में इजराइल-हमास के बीच सीजफायर की अपील की गई थी. हालांकि, इसमें हमास और उसके नरसंहार का जिक्र नहीं था. इसलिए भारत ने वोटिंग से दूरी बना ली थी. हालांकि, ये प्रस्ताव फिर भी 120 देशों के समर्थन से पास हो गया था. अमेरिका समेत 14 देशों ने इसके खिलाफ वोटिंग की थी और 45 देश मतदान में शामिल नहीं हुए थे.