मुंबई आतंकी हमले का मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर राणा अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद भारत लाया जा चुका है। एनआईए की विशेष अदालत में उसके खिलाफ मुकदमा चलेगा। वहीं दोषी पाए जाने पर उसे फांसी या कितनी सजा मिलेगी
तहव्वुर राणा मुंबई हमले 26/11 का आरोपी है। इस हमले में 166 लोगों की मौत हुई थी। अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद उसे भारत लाया जा चुका है और दिल्ली की अदालत में उस पर मुकदमा चलाया जाएगा। अगर अदालती सुनवाई में उसे 166 लोगों की हत्या में शामिल होना पाया जाता है तो इसके बाद क्या उसे अजमल कसाब की तरह फांसी की सजा दी जा सकेगी या उसे आजीवन कारावास भी दिया जा सकता है, यानी अपनी अंतिम सांस तक वह जेल के अंदर ही रहेगा।
सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी कुमार दुबे ने अमर उजाला से कहा कि इस तरह के मामलों में देश प्रत्यर्पण संधि से बंधा होता है। उसे उन नियमों का पालन करना होता है जो समझौते के अंदर शामिल की गई थी। उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका के बीच 1997 में हुई प्रत्यर्पण संधि में यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यदि किसी आपराधिक मामले में प्रत्यर्पण मांगने वाले देश में फांसी की सजा दिए जाने का प्रावधान है, लेकिन प्रत्यर्पण देने वाले देश में फांसी की सजा देने का प्रावधान नहीं है तो ऐसे मामले में प्रत्यर्पण देने से इनकार किया जा सकता है।