बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर डेवलप होने के चलते मानसून ने एक बार फिर से रफ्तार पकड़ ली है. इसके चलते ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, गुजरात और गोवा तक में लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है. हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर की हालत खराब है. भारी से बहुत भारी बारिश की वजह से आए दिन लैंडस्लाइड और फ्लैश फ्लड की घटनाएं सामने आ रही हैं. धराली से लेकर किश्तवाड़ तक में हाहाकार मचा हुआ है. उधर, हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर भूस्खलन हुआ है. तेज बारिश और लैंडस्लाइड की वजह से कई सड़कें बंद हो गई हैं. यहां तक कि चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाइवे पर भी वाहनों की आवाजाही ठप पड़ गई है. अहमदाबाद और मुंबई में भी बारिश ने आम जनजीवन को पटर से उतार दिया है. कोंकण और गोवा के तटवर्ती इलाकों की हालत और भी गंभीर है.
चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे यातायात के लिए फिर से बंद हो गया है. मंडी से पनारसा तक अनेकों स्थानों पर भूस्खलन की घटनाएं होने से हाईवे को यातायात के लिए बंद करना पड़ा है. इनमें प्रमुख रूप से 9 मील, जागर नाला, पंडोह डैम के पास कैंची मोड़, दयोड़, जोगणी माता मंदिर, दवाड़ा फ्लाईओवर, झलोगी और शनि मंदिर जैसे स्थान शामिल हैं, जहां पर भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं. कुछ स्थानों पर नालों का पानी इतनी अधिक मात्रा में आ गया है कि वो हाईवे पर ही बह रहा है और इसके साथ मलबा भी आया है. नेशनल हाईवे बंद होने के कारण बहुत से वाहन और लोग इसमें फंसकर रह गए हैं. अभी बारिश का दौर लगातार जारी है, जिसके चलते मलबा हटाने का कार्य शुरू नहीं किया जा सका है. बता दें कि मंडी जिला में पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश का कहर देखने को मिल रहा है. हालांकि, यह बारिश रुक-रुक कर हो रही है, लेकिन जब अधिक मात्रा में बारिश हो रही है तो हाईवे पर लैंडस्लाइड की घटनाओं से यह यातायात के लिए बंद हो जा रहा है.