एक दिन पहले ही हरियाणा की नायब सिंह सैनी सरकार ने अपने राज्य में अग्निवीरों को पुलिस सेवा में दस फीसदी आरक्षण देने की घोषणा कर दी है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार और असम की हिमंत बिस्वा सरमा सरकार ने भी राज्यों की भर्तियों में अग्निवीरों को विशेष प्राथमिकता देने की घोषणा कर रखी है।
आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए भाजपा ने मतदाताओं के हर वर्ग को लुभाने के लिए विशेष योजनाओं पर काम करना शुरू कर दिया है। इसी कोशिश के अंतर्गत सभी भाजपा शासित राज्यों में अग्निवीरों को विशेष आरक्षण देने की घोषणा की जा सकती है। झारखंड जैसे जिन राज्यों में पार्टी सरकार में नहीं है, वहां पार्टी के घोषणा पत्र में इसका वादा किया जा सकता है। पार्टी का यह कदम युवाओं को उससे जोड़ने में मददगार साबित हो सकता है।
एक दिन पहले ही हरियाणा की नायब सिंह सैनी सरकार ने अपने राज्य में अग्निवीरों को पुलिस सेवा में दस फीसदी आरक्षण देने की घोषणा कर दी है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार और असम की हिमंत बिस्वा सरमा सरकार ने भी राज्यों की भर्तियों में अग्निवीरों को विशेष प्राथमिकता देने की घोषणा कर रखी है। केंद्र सरकार ने भी अग्निवीरों को अन्य अर्धसैनिक बलों में भर्ती के दौरान विशेष आरक्षण देने की घोषणा कर रखी है।
दरअसल, युवाओं के बीच देशभक्ति और रोजगार की दृष्टि से सेना बहुत लोकप्रिय रही है। पूरे देश में भारी संख्या में युवा सेना में नौकरी के लिए आवेदन करते हैं। लेकिन अग्निवीर योजना के कारण सेना में नौकरी आलोचना के घेरे में आ गई थी। पिछले लोकसभा चुनाव में युवा मतदाताओं के द्वारा भाजपा को दिए जा रहे समर्थन में कुछ कमी आई थी, जबकि इसके उलट युवाओं द्वारा कांग्रेस को दिए गए समर्थन में वृद्धि देखी गई थी। माना जा रहा है कि इस बदलाव का बड़ा कारण अग्निवीर योजना हो सकती है। यही कारण है कि अग्निवीर युवाओं को राज्यों की नौकरियों में विशेष आरक्षण देकर भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर से उनका विश्वास जीतने की कोशिश कर रही है।
भाजपा सूत्रों के अनुसार, हरियाणा की तर्ज पर महाराष्ट्र सरकार भी अपने यहां नौकरियों में अग्निवीरों को विशेष आरक्षण देने की घोषणा कर सकती है। इसके पहले महाराष्ट्र की सरकार ने 12वीं से लेकर डिप्लोमाधारी युवाओं को प्रतिमाह आर्थिक मदद की पेशकश कर चुकी है। इस योजना का युवाओं के बीच जिस तरह से स्वागत हुआ है, उससे लगता है कि यह स्कीम महाराष्ट्र चुनावों में गेम चेंजर साबित हो सकती है।