भारत ने सेना की डिफेंस कैपसिटी बढ़ाने के लिए गुरुवार को दो बड़े फैसले लिए हैं। केंद्र सरकार ने ₹7,000 करोड़ की लागत से 307 एडवांस तोपें (ATAGS) खरीदने को मंजूरी दे दी है, जिन्हें पाकिस्तान और चीन बॉर्डर पर तैनात किया जाएगा।
साथ ही, रक्षा मंत्रालय ने ₹54,000 करोड़ की सैन्य खरीद को हरी झंडी दी। इसमें एयरबोर्न अर्ली वार्निंग सिस्टम, T-90 टैंकों के नए इंजन और नौसेना के लिए वरुणास्त्र टॉरपीडो शामिल हैं।
ATAGS तोपें: भारत में बनी, दुश्मनों पर भारी
जैसा कि इसके नाम Advanced Towed Artillery Gun System से जाहिर है कि यह टोड गन यानी ऐसी तोप है जिसे ट्रक से खींचा जाता है। हालांकि, यह गोला दागने के बाद बोफोर्स की तरह कुछ दूर खुद ही जा सकती है। इस तोप का कैलिबर 155MM है। मतलब यह कि इस आधुनिक तोप से 155MM वाले गोले दागे जा सकते हैं।
ATAGS को हॉवित्जर भी कहा जाता है। हॉवित्जर यानी छोटी तोपें। दरअसल, दूसरे विश्व युद्ध और उसके बाद तक युद्ध में बहुत बड़ी और भारी तोपों का इस्तेमाल होता था। इन्हें लंबी दूरी तक ले जाने और ऊंचाई पर तैनात करने में काफी मुश्किलें होती थीं। ऐसे में हल्की और छोटी तोप बनाई गईं, जिन्हें हॉवित्जर कहा गया।