ज्ञानवापी का भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) की ओर से सर्वे आगे होता रहेगा। मुस्लिम पक्ष की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हम हाईकोर्ट के आदेश में दखल क्यों दें? साथ ही मुस्लिम पक्ष से पूछा कि ASI सर्वे पर ऐतराज क्यों है? सर्वे से मुस्लिम पक्ष को कोई नुकसान नहीं होने जा रहा है।
कोर्ट ने कहा कि सर्वे गैर आक्रामक तरीकों से होना चाहिए। ASI ने स्पष्ट किया है कि पूरा सर्वेक्षण बिना किसी खुदाई और संरचना को बिना कोई नुकसान पहुंचाए पूरा किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया है कि सर्वे होने दीजिए। रिपोर्ट को बंद लिफाफे में जमा होने दीजिए।
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि CJI ने आदेश दिया कि सर्वे चलता रहेगा। बिल्डिंग को कोई नुकसान नहीं होगा। CJI ने कहा कि ऐसे सर्वे से किसी की पूर्व धारणा के पक्ष में या फिर मुस्लिम पक्ष के खिलाफ जाएगा, ऐसा विचार नहीं करना चाहिए। ये गलत है। क्योंकि ASI ये भी रिपोर्ट दे सकता है कि ये औरंगजेब के समय या उससे पहले बना भवन है।
उधर, मुस्लिम पक्ष ने सर्वे में सहयोग को तैयार है। अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए सर्वे में सहयोग करेंगे। यासीन के कहा कि अफवाहों के साथ ही बयानबाजी पर ध्यान न दें।
आज से ही हो रहा है सर्वे
इससे पहले, इलाहाबाद हाईकोर्ट से इजाजत मिलने के बाद गुरुवार सुबह 8 बजे से ज्ञानवापी में ASI की टीम ने सर्वे शुरू कर दिया था। 4 घंटे बाद यानी 12 बजे जुमे की नमाज के लिए सर्वे को रोक दिया गया। दोपहर 3 बजे से सर्वे फिर शुरू हो गया। इस बार ASI टीम में 61 सदस्य हैं। यानी पिछली बार की तुलना में 40 सदस्य ज्यादा।
ज्ञानवापी परिसर को 4 ब्लॉक में बांटा गया है। चारों तरफ कैमरे लगाए हैं। वीडियोग्राफी की जा रही है। ज्ञानवापी की पश्चिमी दीवार पर सबसे ज्यादा फोकस है। दीवार की बारीक स्कैनिंग की जा रही है। कलाकृतियों को देखा जा रहा है। ASI के साथ हिंदू पक्ष अंदर है। लेकिन मुस्लिम पक्ष ने सर्वे में शामिल होने से इनकार कर दिया है।
मुस्लिम पक्ष ज्ञानवापी नहीं पहुंचा। जुमे की वजह से प्रदेश में हाई अलर्ट है। ज्ञानवापी के आसपास भारी संख्या में फोर्स तैनात है
स्थानीय कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक हुई अपील
- 21 जुलाई को वाराणसी की स्थानीय कोर्ट ने ASI को सर्वे करके 4 अगस्त को रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा था।
- 24 जुलाई को सुबह 7 बजे सर्वे शुरू हुआ। मुस्लिम पक्ष रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने 26 जुलाई की शाम तक सर्वे पर रोक लगा दी और हाईकोर्ट जाने को कहा।
- 25, 26, 27 जुलाई को मुस्लिम पक्ष की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। 27 जुलाई को कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया और 3 अगस्त को आदेश देने की बात कही।
- 3 अगस्त को हाईकोर्ट के जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा, ‘न्यायहित में सर्वे जरूरी है। मुझे इस तर्क में कोई दम नहीं दिखता कि बिना दीवार खोदे ASI नतीजे पर नहीं पहुंच सकता।’
- 3 अगस्त को इस आदेश के खिलाफ मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट चला गया। 4 अगस्त को मुस्लिम पक्ष की अपील खारिज हो गई।
हिंदू पक्ष के 7, मुस्लिम पक्ष के 9 लोगों को अनुमति
अपर जिला मजिस्ट्रेट (नगर) आलोक कुमार वर्मा ने हिंदू पक्ष के 7 और मुस्लिम पक्ष के 9 लोगों को सर्वे टीम के साथ अंदर जाने की अनुमति दी है। इसमें हिंदू पक्ष में रेखा पाठक, सीता साहू, लक्ष्मी देवी, सोहन लाल आर्य, अनुपम द्विवेदी, सुभाष नंदन चतुर्वेदी, विक्रम व्यास परिसर में अंदर पहुंच चुके हैं।
वहीं, मुस्लिम पक्ष में मौलाना अब्दुल बांकी, अब्दुल बातीन नोमानी, एमएम यासिन, मुमताज अहमद, अखलाक अहमद, मोहम्मद एजाज अहमद, शमशेर अली, फुजैल अहमद, हाजी नेसार को बुलाया गया था, लेकिन वो ज्ञानवापी परिसर में नहीं पहुंचे।