कोलकाता में खुद को ईडी अधिकारी बताकर व्यापारियों से वसूली करने वाले मास्टरमाइंड एस.के. जिन्नार अली को गिरफ्तार किया गया है। तलाशी में गृह मंत्रालय का फर्जी लेटरहेड, नकली मुहरें और जाली दस्तावेज बरामद हुए। आरोपी 1.5 करोड़ रुपये तक वसूली कर चुका था। ईडी ने जनता से सतर्क रहने और किसी भी समन को ईडी की आधिकारिक वेबसाइट पर जांचने की अपील की है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पश्चिम बंगाल में जबरन वसूली के मामलों में बड़ी कार्रवाई करते हुए फर्जी अधिकारी बनने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। ईडी के कोलकाता क्षेत्रीय कार्यालय ने 2 जुलाई को पीएमएलए यानी धन शोधन अधिनियम, 2002 के तहत कोलकाता और बर्धवान जिले में कई जगह छापेमारी की। जांच के दौरान पता चला कि एस.के. जिन्नार अली नाम का व्यक्ति खुद को ईडी का अधिकारी बताकर कारोबारियों से मोटी रकम ऐंठता था। एजेंसी ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
आरोपी को 16 जुलाई तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया है। तलाशी अभियान के दौरान आरोपी के कब्जे से केंद्रीय गृह मंत्रालय का लेटर हेड और कई दूसरे दस्तावेज बरामद किए गए हैं। जब्त सामग्री में प्रवर्तन निदेशालय और अन्य सरकारी अधिकारियों द्वारा जारी किए गए फर्जी पत्र शामिल थे, जिन पर जाली मुहरें और जाली हस्ताक्षर थे।
आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज
कोलकाता के बिधाननगर साउथ पुलिस स्टेशन में आरोपियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर के आधार पर ईडी ने इस मामले की जांच शुरू की। आरोपी खुद को ईडी का अधिकारी बताकर व्यापारियों से पैसे ऐंठने की आपराधिक साजिश में शामिल था। पहले वह कुछ खास व्यापारियों की पहचान करता था। उसके बाद उनसे पैसे ऐंठना था। आरोपी ऐसे व्यापारियों से फोन पर संपर्क करते थे। आरोपियों ने व्यापारियों को बिधाननगर के पुलिस कमिश्नरेट ऑफिस में आधिकारिक जांच के नाम पर पेश होने के लिए भी बुलाया, जबकि असल में ऐसी कोई जांच होती ही नहीं थी।
फॉर्च्यूनर में आते थे आरोपी
वैधता का भ्रम पैदा करने के लिए आरोपी टोयोटा फॉर्च्यूनर में आते थे, जिस पर ईडी का प्रतीक चिह्न लगा होता था। ऑफिस में छापेमारी, संपत्ति जब्त करने और गिरफ्तारी की लगातार धमकियों के तहत एक व्यापारी को कुल 1.30 करोड़ रुपये नकद देने के लिए कहा गया। आरोपी ने अपने बैंक खाते में 20 लाख रुपये जमा करने के लिए व्यापारी को मजबूर किया।