प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात दौरे का आज यानी (25 फरवरी) को दूसरा दिन है. इस दौरान उन्होंने गहरे समुद्र में पानी के अंदर डुबकी लगाई. साथ ही उस स्थान पर प्रार्थना की जहां जलमग्न द्वारका शहर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है, कि पानी में डूबी द्वारका नगरी में प्रार्थना करना बहुत ही दिव्य अनुभव था. मुझे आध्यात्मिक वैभव और शाश्वत भक्ति के एक प्राचीन युग से जुड़ाव महसूस हुआ. भगवान श्री कृष्ण हम सभी को आशीर्वाद दें.बता दें, भगवान श्री कृष्ण द्वारका के राजा थे. पीएम मोदी ने इस दौरान शहर की भव्यता और समृद्धि को याद करते हुए अपनी श्रदांजलि अर्पित की. साथ ही डुबकी लगाने से पहले उनकी कमर पर मोर के पंख भी बंधे थे.पीएम मोदी का कहना है, कि पानी में डूबी द्वारका नगरी में प्रार्थना करना बहुत ही दिव्य अनुभव था. मुझे आध्यात्मिक वैभव और शाश्वत भक्ति के एक प्राचीन युग से जुड़ाव महसूस हुआ.
भगवान श्री कृष्ण हम सभी को आशीर्वाद दें. बता दें कि गुजरात के ओखा में बने सुदर्शन सेतु ( Sudarshan Setu )का लोकार्पण करने के बाद श्री कृष्ण की नगरी द्वारका पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का रविवार ( 25 फरवरी) को जनसमूह ने ‘जय द्वारकाधीश’ के गगनभेदी जयघोष के साथ भावपूर्ण स्वागत किया. द्वारका हेलिपैड से सड़क मार्ग से जगत मंदिर में भगवान श्री द्वारकाधीश के दर्शन करने निकले श्री मोदी के मार्ग में जगह-जगह नागरिकों ने अभिवादन किया. ओखा मंडल क्षेत्र की विशेष पहचान को उजागर करने वाले परम्परागत परिधानों से सुसज्जित ग्रामीणों के अलावा नगरजन भी मार्ग पर उनके स्वागत-सत्कार के लिए भारी संख्या में खड़े थे.
कई महिलाएं गरबा नृत्य कर रही थीं, जबकि कृष्ण भक्ति के सुगम संगीत, ढोल और शहनाई की धुन के साथ खड़ा जनसमूह उनकी एक झलक देखने को आतुर था. मार्ग में विभिन्न स्थानों पर बनाए गए मंच पर कलाकारों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी दी.प्रधानमंत्री ने भी नागरिकों का अभिवादन स्वीकार किया. इस दौरान सड़क के दोनों ओर खड़े जनसमूह ने हर्षनाद के साथ उनका भगवान श्री कृष्ण की नगरी द्वारका में स्वागत किया. उनका काफिला जिन मार्गों से गुजरा वहां ‘जय द्वारकाधीश’ के गगनभेदी जयघोष की गूंज सुनाई दी.