गुजरात में चुनाव के 8 दिन पहले एक्टिव हुआ RSS:PM के गांव से गांधीनगर तक सूना चुनाव, कांग्रेस AAP के लिए रास्ता बनाते दिखी

मैं 10 नवंबर को गुजरात चुनाव की रिपोर्टिंग के लिए अहमदाबाद पहुंचा तो लगा ही नहीं कि यहां 20 दिन बाद चुनाव होने जा रहे हैं। न कहीं झंडे, न बैनर, न कोई नेता सड़क पर नजर आ रहे थे। चाय की गुमटियों पर भी चुनाव की चर्चा नहीं थी। अहमदाबाद से शुरू हुए इस सफर के 7 पड़ाव थे। इनमें वडनगर, मानसा, पिपलिया, द्वारका, जामनगर, गोधरा और मोरबी शामिल रहे।

मानसा गृहमंत्री अमित शाह का गांव है। मैं सबसे पहले उनकी पुरानी हवेली पर पहुंचा। यहां BJP कार्यकर्ता पप्पू व्यास से मुलाकात हुई। उनसे पूछा कि माहौल इतना ठंडा क्यों है। चुनाव का कोई शोर नजर क्यों नहीं आ रहा। पप्पू व्यास बोले- सब दिल्ली से ही तय हो रहा है। वहां से जो डायरेक्शन मिल रहे हैं, हम लोग उसी हिसाब से काम कर रहे हैं। अभी कैंडिडेट का नाम तय नहीं हुआ है। जैसे ही होगा, प्रचार शुरू हो जाएगा। (बाद में BJP ने यहां से जयंती पटेल को उम्मीदवार बनाया)।

फिर मैं आम आदमी पार्टी के CM फेस इसुदान गढ़वी के गांव पिपलिया पहुंचा। इसुदान तो घर में मिले नहीं, क्योंकि वे प्रचार के लिए बाहर गए थे। उनकी पत्नी और घरवालों से बात हुई। पता चला कि गांव में डेवलपमेंट से ज्यादा बातें जाति की हो रही हैं।

फिर मैं द्वारका आ गया। यहां जरूर झंडे-बैनर नजर आए। BJP कैंडिडेट प्रभुबा मानेक चुनाव के प्रचार-प्रसार में व्यस्त थे। द्वारका में लोगों से बात की तो उनके बीच चुनाव से ज्यादा बातें बेट द्वारका में अतिक्रमण ढहाने पर हो रही थीं।

लोगों की बातें सुनकर मैं बेट द्वारका पहुंच गया। बेट द्वारका में ही भगवान कृष्ण का महल है। माना जाता है कि वे शासन द्वारका से करते थे, लेकिन रहते बेट द्वारका में थे। यहां 80% से ज्यादा आबादी मुसलमानों की है।

खोजबीन की तो पता चला कि समुद्र किनारे बनी उन मस्जिद-मजारों को गिरा दिया गया है, जो अवैध थीं। हालांकि उसी दिन RSS के एक नेता मिले तो उन्होंने बताया कि मस्जिद-मजारें अवैध गतिविधियों का अड्‌डा बन गई थीं। कराची से इनकी कनेक्टिविटी है। इसलिए तोड़ा गया है और चुनाव के बाद फिर तोड़ेंगे।

खैर, हम यहां घूमकर जामनगर पहुंच गए। यहां से रवींद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा BJP की कैंडिडेट हैं। रिवाबा डोर टु डोर कैंपेन में बिजी नजर आईं। शहर में ही BJP कार्यालय में भी कार्यकर्ताओं की भीड़ मिली। जैसी भीड़ BJP के दफ्तर में थी, वैसा ही नजारा कांग्रेस कार्यालय का भी था। यहां घूमने पर थोड़ा चुनावी माहौल महसूस हुआ। फिर मैं गोधरा के लिए रवाना हो गया।

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January 21, 2025
12:50 pm

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