देश भर में नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल जोर-शोर से की जा रही है। गृह मंत्रालय के निर्देश पर 300 से ज्यादा जगहों पर मॉक ड्रिल किया जा रहा है। जिसमें नागरिकों को युद्ध के दौरान बचाव समेत तमाम अहम स्थिति से अवगत कराया जा रहा है।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में बढ़ते तनाव और संभावित हमले की आशंका के मद्देनजर आज देश भर में मॉक ड्रिल किया जा रहा है। बता दें कि, इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से सभी राज्यों को निर्देश जारी किया गया था। जिसके बाद आज देश की राजधानी दिल्ली से लेकर मुंबई और मध्य प्रदेश से लेकर कर्नाटक तक नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल किया जा रहा है।
युद्ध और आपातकाल के दौरान की जाती है मॉक ड्रिल
बता दें कि, नागरिक सुरश्रा मॉक ड्रिल आमतौर पर युद्ध और आपातकाल की स्थिति में की जाती है। जिसमें आम नागरिकों को इस दौरान होने वाले संभावित खतरे से बचने और उनसे निपटने की ट्रेनिंग दी जाती है।
मॉक ड्रिल के लिए गृह मंत्रालय का निर्देश
गृह मंत्रालय की तरफ से मॉक ड्रिल वाली जगहों को तीन कैटेगरी के आधार पर बांटा गया है। जिसमें कैटेगरी -1 में सबसे संवेदनशील जगहें शामिल है, कैटेगरी -2 में संवेदनशील जगहें है और कैटेगरी -3 में कम संवेदनशील जगहों को रखा गया है।
देश में आखिरी बार मॉक ड्रिल 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान हुई थी। उस समय हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन बजाए गए थे और नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए सचेत किया गया था।
मॉक ड्रिल में क्या-क्या शामिल?
- हमले का सायरन
- नागरिकों को ट्रेनिंग
- ब्लैकआउट एक्शन प्लान
- छिपने और जोखिम भरे क्षेत्र से निकलना
- स्कोप मीनार, दिल्ली