गृह मंत्री ने कहा कि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों के लिए अलग अध्याय बनाया गया है और आतंकवाद व संगठित अपराध पर सख्त सजा का प्रावधान है। नए कानून का 14.80 लाख पुलिसकर्मियों, 42 हजार जेल कर्मियों और 19 हजार जजों को प्रशिक्षण दिया गया।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि नए आपराधिक कानून तीन साल में सुप्रीम कोर्ट तक न्याय सुनिश्चित करेंगे और तकनीक के इस्तेमाल से अपराधी बच नहीं पाएंगे। नई दिल्ली के भारत मंडपम में ‘न्याय प्रणाली में विश्वास का स्वर्णिम वर्ष’ कार्यक्रम में उन्होंने इन कानूनों को भारतीय नागरिकों के लिए बनाया गया बताया, जो पुराने ब्रिटिश कानूनों को बदलकर न्याय प्रणाली को आसान और पारदर्शी बनाएंगे।
अमित शाह ने नए आपराधिक कानूनों-भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के एक साल पूरे होने पर भारत मंडपम में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि नए कानून में 90 दिन में जांच, चार्जशीट और फैसले की समयसीमा तय की गई है, जिससे लोगों में ‘एफआईआर से तुरंत न्याय’ मिलेगा, ऐसा विश्वास बढ़ेगा। उन्होंने भारत मंडपम के हॉल 14 में नए कानून पर लगी एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर इस तरह की प्रदर्शनी देशभर में लगाई जाएगी, ताकि लोग इन कानूनों को समझें। उन्होंने कहा कि पुराने अंग्रेजी कानून शासकों की रक्षा करते थे, लेकिन नए कानून नागरिकों के अधिकारों और संपत्ति की सुरक्षा के लिए हैं। तकनीक और फोरेंसिक जांच से अपराधियों के बचने की गुंजाइश खत्म होगी।