उत्तर कोरिया ने परमाणु हथियार की स्थिति को अपने संविधान का हिस्सा बना लिया है, राज्य मीडिया ने गुरुवार (28 सितंबर) को सर्वोच्च नेता किम जोंग उन के हवाले से खबर दी. मंगलवार और बुधवार को हुई स्टेट पीपुल्स असेंबली की बैठक में किम ने कहा कि उत्तर कोरिया की परमाणु बल-निर्माण नीति को राज्य के बुनियादी कानून के रूप में स्थायी बना दिया गया है, जिसका उल्लंघन करने की किसी को भी अनुमति नहीं है.
किम ने कहा, ‘यह एक ऐतिहासिक घटना है जिसने राष्ट्रीय रक्षा क्षमताओं को उल्लेखनीय रूप से मजबूत करने के लिए एक शक्तिशाली राजनीतिक ताकत प्रदान किया है.’
‘नाटो का एशियाई-संस्करण’
सर्वोच्च नेता ने यूएस, दक्षिण कोरिया और जापान के बीच त्रिपक्षीय सहयोग की ‘नाटो के एशियाई-संस्करण’ के रूप में की. उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे ‘अमेरिका और पश्चिम की आधिपत्य की रणनीति के खिलाफ खड़े देशों के साथ एकजुटता को बढ़ावा दें. ‘उन्होंने कहा, ‘यह सिर्फ सबसे खराब वास्तविक खतरा है, धमकी भरी बयानबाजी या कोई काल्पनिक इकाई नहीं है.’
इस वर्ष रिकॉर्ड संख्या में हथियारों का परीक्षण हुआ
इस साल, उत्तर कोरिया ने रिकॉर्ड संख्या में हथियार परीक्षण किए हैं. समाचार एजेंसी एएफपी की गुरुवार की रिपोर्ट के मुताबिक, प्योंगयांग 2017 के बाद अपना पहला परमाणु परीक्षण कर सकता है. 2006 के बाद से उसने कुल छह परमाणु परीक्षण किए हैं.
पिछले दिनों रूस गए थे किम
पिछले हफ्ते किम रूस से वापस आये थे और इस दौरान वह और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सैन्य सहयोग को बढ़ावा देने पर सहमत हुए थे.
अमेरिका और दक्षिण कोरिया के अधिकारियों ने चिंता व्यक्त की कि प्योंगयांग अपने परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों के लिए तकनीकी मदद मांग सकता है, जबकि मॉस्को यूक्रेन में अपने आक्रामक हमले के लिए अपने घटते स्टॉक को पूरा करने के लिए उत्तर से गोला-बारूद हासिल करने की कोशिश कर रहा है.