एसटीएफ और औषधि विभाग की टीम ने फव्वारा स्थित बंसल मेडिकल एजेंसी और हेमा मेडिकल स्टोर व चार गोदामों पर छापा मारा। जांच में हेमा मेडिको और इसके गोदाम से 2.43 करोड़ रुपये की नकली दवाएं जब्त की हैं।
आगरा में नकली, सैंपल और नशे की दवाओं का बाजार खूब फल-फूल रहा है। कहीं फैक्टरी पकड़ी जा चुकी है तो कहीं दवा के सप्लायर गिरफ्तार किए गए। इसके बावजूद इस अवैध कारोबार पर रोक नहीं लग सकी है। टीम का कहना है कि पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी स्पेशल फोर्स को एक करोड़ की रिश्वत दी गई। न मानने पर रकम को 2 करोड़ तक कर देने की बात भी कही गई।
इतनी बड़ी रकम तभी दी जा सकती है, जब कारोबार से मोटा मुनाफा हो रहा होगा। एसटीएफ ने आरोपी को पकड़ने के बाद नोटों की गिनती के लिए थाने में ही मशीन को मंगाया। कारोबारी इतना पैसा एकदम कहां से लेकर आया? यह भी पता किया जा रहा है। कार्रवाई से पूरे दवा बाजार में खलबली मची है।
एसटीएफ के निरीक्षक यतेंद्र शर्मा के मुताबिक, हेमा मेडिको के संचालक की दो और फर्म हैं। दवाओं की बिक्री आगरा सहित आसपास के जिलों में भी है। जो माल बरामद हुआ, उनमें चार कंपनियों का माल है।
संचालक हिमांशु अग्रवाल से टीम ने यह जानने का प्रयास किया कि अवैध कारोबार में और कितने लोग शामिल हैं? पूरा माल कहां से आता है? क्यूआर कोड कहां से लगाए जाते हैं? माल किन फैक्टरी में तैयार किया जा रहा है? इस खेल के पीछे मास्टरमाइंड कौन है? उसने एसटीएफ को पेशकश की थी कि रिश्वत लेकर उसे छोड़ दिया जाएगा तो वह पूरे खेल को उजागर कर देगा। 2 करोड़ तक वह रकम दे सकता है? यह सुनकर टीम के भी होश उड़ गए। इस पर उसे रंगे हाथ पकड़ने का निर्णय लिया गया।