जर्मनी ने शनिवार को अपने तीनों न्यूक्लियर पावर प्लांट बंद कर दिए। सरकार ने इन्हें लोगों की सुरक्षा के लिए खतरा बताया है। जर्मनी के पर्यावरण मंत्री स्टेफी लेम्के ने न्यूज एजेंसी CNN को कहा कि न्यूक्लियर एनर्जी के मुद्दे पर हमारी स्थिति बिल्कुल साफ है।
उन्होंने कहा, ‘ये न तो सुरक्षित हैं, और न ही पर्यावरण के लिए बेहतर हैं।’ अपने तीनों न्यूक्लियर प्लांट्स को बंद कर जर्मनी ने 60 साल पहले शुरू हुए परमाणु ऊर्जा के इस्तेमाल के सिलसिले को बंद कर दिया। दरअसल, जर्मनी 2035 तक पूरी तरह से रिन्युएबल एनर्जी पर शिफ्ट करना चाह रहा है। जिसके लिए सभी परमाणु पावर प्लांट्स को बंद करने का फैसला किया है।
यूक्रेन जंग की वजह न्यूक्लियर प्लांट बंद करने में देरी हुई
रिपोर्ट्स के मुताबिक जर्मनी 2022 में ही अपने सारे न्यूक्लियर पावर प्लांट बंद करना चाहता था। हालांकि, बीच में ही यूक्रेन जंग शुरू होने की वजह से उसे न्यूक्लियर पावर प्लांट को बंद करने का फैसला डिले करना पड़ा।
दरअसल, जर्मनी एनर्जी सप्लाई के लिए काफी हद तक रूस पर निर्भर करता है। ऐसे में रूस पर लगे प्रतिबंधों से जर्मनी को वहां से एनर्जी सप्लाई पर कम करनी पड़ी। 1997 में जर्मनी अपनी 30.8% एनर्जी के लिए न्यूक्लियर प्लांट्स पर निर्भर करता था। जो पिछले साल घटकर केवल 6% रह गई। वित्त मंत्री ने कहा है कि ये प्लांट्स बंद करने से किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी। स्टेशनों पर पहले से ही गैस स्टोर कर ली गई है।