हाकी के जादूगर ध्यानचंद के जन्मदिवस पर विशेष

ददा हाकी ही नहीं क्रिकेट के भी बेहतरीन खिलाडी रहे हैं
-मैच में गोल पोस्ट की लंबाई नपवा दी थी,ददा ने, गोल नहीं कर पा रहे थे।
-ध्यानचंद वर्ष 1928,1932 व 1936 में विजेता बनी टीम के सदस्य रहे हैं।
विजय कुमार
नई दिल्ली,28 अगस्त। दादा ध्यानचंद के जन्मदिन 29 अगस्त को देशभर में खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है लेकिन कुछ ही लोग यह जानते हो होंगे कि दादा हॉकी के ही बेहतरीन खिलाड़ी नहीं बल्कि क्रिकेट में भी उनको शानदार बल्लेबाज के रूप में जाना जाता था। शिवाजी स्टेडियम पर हाकी प्रतियोगिताओं के दौरान कई पूर्व हाकी खिलाडियों से बातचीत में कई यादगार घटनाएं सुनने को मिली, जो हमार जेहन में आज भी ताजा है।
दादा के साथ रहने वाले लोगों ने एक बार बातचीत में बताया कि सेना छोड़ने के उपरांत एन ए एस पटियाला में बतौर अध्यापक कार्यरत थे। पटियाला में साल में एक बार अध्यापकों और वहां के छात्रों के बीच क्रिकेट मैच हुआ करता था ऐसे में छात्रों की तैयारी चल रही थी तो दूसरी तरफ अध्यापक भी मैं क्रिकेट मैच को लेकर देर रात तक चर्चा करते थे। जिस दिन क्रिकेट मैच होना था उसे दिन सुबह दादा अध्यापकों के कप्तान के पास पहुंचे और कहा कि वह भी क्रिकेट टीम में खेलेंगे। इस पर कप्तान ने कहा कि आपने तो हाकी खेली है, क्रिकेट कैसे खेल पाओगे। लेकिन उनके सामने कौन बोल सकता था। मगर ध्यानचंद को मैदान में क्रिकेट खेलते देखा साथी अध्यापक की नहीं बल्कि छात्र भी मुरीद हो गए। उनके एक साथी आज भले ही दुनिया में नहीं रहे हो लेकिन अक्सर शिवाजी स्टेडियम पर मौजूद रहते वक्त वह अक्सर किस्सा बताया करते थे। उन्होंने बताया कि उसे मैच में दादा ध्यानचंद ने करीब 40 से 50 रनों की पारी खेली। यही नहीं जब दादा आउट होकर आए तो सभी ने उनका सम्मान अपनी सीटों से खड़े होकर किया। जिस पर दादा ने कहा भाइयों जब हाकी की स्टीक से हम गेंद नहीं जाने देते तो क्रिकेट बैट तो चैड़ा होता है। यही नहीं इस मैच में पहली बार अध्यापकों की टीम ने जीत भी दर्ज की थी।
-उन्होंने इसी तरह एक किस्सा और बताया कि एक बार पटियाला में दादा हॉकी खेल रहे थे वह लगातार गोल करने का प्रयास करते और बाॅल बार-बार गोल पोस्ट से लगकर बाहर चली आती। दादा के जब तीन प्रयासों पर गोल नहीं हुआ तो वहां मैच कराने वाले अंपायर को बुलाकर दादा ने कहा गोल पोस्ट नापे उन्हें शक है कि गोल पोस्ट छोटा बना है। जिससे उनके निशाने गलत हो रहे हैं मैच का हाफ टाइम हुआ और अंपायर फीता लेकर गोल पोस्ट पर नापने पहुंचे। जिसके बाद अंपायर ने कहा कि दादा ने सही कहा है, गोल पोस्ट की लंबाई कम निकली।
इस बात की पुष्टि उनके बेटे अशोक ध्यानचंद भी करते हैं मालूम हो कि अशोक भी दादा की तरह ही एक शानदार हॉकी खिलाड़ी रहें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

May 31, 2025
5:16 am

Welcome to News Chowkidar, for advertisement related information or To become our media partner contact: +91 8383006191, +91 9891223775, +91 9818834041, +91 8800983159