अफगानिस्तान में इस भूकंप से हुई भारी तबाही के बाद पड़ोसी मुल्क की भौगोलिक स्थिति को समझना जरूरी है। आखिर क्यों यह देश लगातार भूकंप की मार झेलता है? इसका हिमालयी क्षेत्र से क्या लेना देना है? अफगानिस्तान में खतरनाक भूकंपों का इतिहास क्या रहा है

अफगानिस्तान में एक बार फिर शक्तिशाली भूकंप ने सैकड़ों लोगों की जान ले ली है। रविवार देर रात पूर्वी अफगानिस्तान में केंद्रित रहे इस भूकंप से अब तक 800 की जान जाने की खबर है, जबकि 2500 से ज्यादा लोग घायल बताए गए हैं। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुताबिक, रात 11:47 बजे आए 6.0 तीव्रता के भूकंप का केंद्र नंगरहार प्रांत के जलालाबाद शहर से 27 किलोमीटर पूर्व-उत्तर-पूर्व में था। इसकी गहराई महज 8 किलोमीटर थी, जिसके चलते यह भूकंप जबरदस्त रूप से खतरनाक हो गया।
अफगानिस्तान में इस भूकंप से हुई भारी तबाही के बाद पड़ोसी मुल्क की भौगोलिक स्थिति को समझना जरूरी है। आखिर क्यों यह देश लगातार भूकंप की मार झेलता है? इसका हिमालयी क्षेत्र से क्या लेना देना है? अफगानिस्तान में खतरनाक भूकंपों का इतिहास क्या रहा है?
पहले जानें- अफगानिस्तान में भूकंप से कितने बिगड़े हैं हालात?
अफगानिस्तान में 6.0 तीव्रता का भूकंप नंगरहार प्रांत के करीब कुनार प्रांत के शहरों और पड़ोसी नंगरहार प्रांत के जलालाबाद शहर में आया, जिससे भारी नुकसान हुआ। इसके बाद भी इलाके में कई झटके आए। सोशल मीडिया और समाचार चैनलों पर प्रसारित वीडियो फुटेज में बचावकर्मी घायल लोगों को ढही हुई इमारतों से स्ट्रेचर पर उठाकर हेलीकॉप्टरों में ले जाते हुए दिखाई दे रहे हैं, जबकि कई लोग अपने हाथों से मलबा हटाने की कोशिश कर रहे हैं। ज्यादातर लोग कुनार प्रांत में हताहत हुए हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों और सुरक्षित बचाए गए लोगों ने बताया कि कुनार में तो कई गांव के गांव तबाह हो गए। स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता शराफत जमान ने बताया कि बचाव अभियान जारी है। कुनार, नंगरहार और राजधानी काबुल से चिकित्सा दल इलाके में पहुंच गए हैं। जमान ने कहा कि कई इलाकों से हताहतों की संख्या की सूचना नहीं मिल पाई है। मौतों और घायलों की सूचना मिलने पर संख्या में बढ़ोतरी की आशंका है।