विक्रांत ने पूरे पाकिस्तान की नींद उड़ा दी थी’: PM ने गोवा में जवानों संग मनाई दिवाली, सेनाओं को भी सराहा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को गोवा में आईएनएस विक्रांत पर नौसैनिकों के बीच दिवाली मनाई। वे एक दिन पहले गोवा पहुंच गए थे। इस दौरान उन्होंने सैनिकों से मुलाकात की और उनके साथ समय बिताया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दिवाली गोवा तट पर भारतीय नौसेना के जवानों के साथ मनाने पहुंचे। सशस्त्र बलों के जवानों के साथ दिवाली मनाने की परंपरा को जारी रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कारवार के तट पर आईएनएस विक्रांत का दौरा किया। इस दौरान पीएम मोदी ने जवानों को भी संबोधित किया। बता दें कि 2014 से प्रधानमंत्री पद का कार्यभार संभालने के बाद से पीएम मोदी लगातार सशस्त्र बलों के जवानों के साथ दिवाली मनाते रहे हैं।

आईएनएस विक्रांत आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक’
आईएनएस विक्रांत से नौ सैनिकों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, आज का दिन अद्भुत है। ये दृश्य अविस्मरणीय है। आज मेरे पास एक तरफ समंदर है, तो दूसरी तरफ मां भारती के वीर जवानों की ताकत है। आज एक तरफ मेरे पास अनंत क्षितिज…अनंत आकाश है और दूसरी तरफ अनंत शक्तियों का प्रतीक यह विशालकाय आईएनएस विक्रांत है। समुद्र के जल पर सूर्य की किरणों की चमक, वीर सैनिकों द्वारा जलाए गए दिवाली के दीयों के समान है। पीएम मोदी ने कहा कि आईएनएस विक्रांत आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक है

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, दीपावली के पर्व में हर किसी को अपने परिवार के बीच दीवाली मनाने का मन करता है। मुझे भी मेरे परिवार जनों के बीच दिवाली मनाने की आदत हो गई है और इसलिए आप जो मेरे परिवार जन हैं, उनके बीच मैं दिवाली मनाने चला जाता हूं। मैं भी ये दिवाली मेरे परिवार जनों के साथ मना रहा हूं…” उन्होंने आगे कहा, “मुझे याद है, जब आईएनएस विक्रांत को देश को सौंपा जा रहा था तो मैंने कहा था कि विक्रांत विशाल है, विराट है, विहंगम है, विक्रांत विशिष्ट है, विक्रांत विशेष भी है। विक्रांत केवल एक युद्धपोत नहीं है बल्कि ये 21वीं सदी के भारत के परिश्रम, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कारवार के तट पर आईएनएस विक्रांत पर दिवाली मनाते हुए कहा, मैं भाग्यशाली हूं कि इस बार मैं दिवाली का यह पावन त्योहार नौसेना के आप सभी वीर जवानों के बीच मना रहा हूं। विक्रांत पर बिताई कल की रात, इस अनुभव को शब्दों में कहना कठिन है। मैं देख रहा था कि आप उमंग, उत्साह से भरे हुए थे… आपने स्वरचित गीत गाए। आपने अपने गीतों में जिस प्रकार से ऑपरेशन सिंदूर का वर्णन किया, शायद कोई और कभी इस अनुभूति को प्रकट नहीं कर पाएगा जो युद्ध के मैदान में खड़ा जवान कर पाएगा

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October 25, 2025
5:00 am

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